Digital Arrest (डिजिटल अरेस्ट) Helpdesk



डिटिजल अरेस्ट (Digital Arrest) में स्कैमर्स आपको फर्जी पुलिस, सीबीआई या ईडी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर धमकाते हैं। इसमें स्कैमर्स असली पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ़्तरों जैसे स्टूडियो का इस्तेमाल करते हैं और असली दिखने के लिए पुलिस की वर्दी भी पहनते हैं। यह आजकल भारत में तेज गति से बढ़ता हुआ एक साइबर अपराध है। इसके बारे में देश भर में कई शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। हालाँकि कानून में “डिजिटल अरेस्ट” जैसा कोई शब्द मौजूद नहीं है।


Modus-operandi -

स्टेज - 1

स्कैमर्स आम तौर पर टारगेट व्यक्ति को कॉल करते हैं और सूचित करते हैं कि किसी ने उसे पार्सल भेजा है जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कुछ अन्य वस्तुएँ हैं। कभी-कभी वे यह भी सूचित करते हैं कि आपका कोई करीबी किसी अपराध में शामिल पाया गया है।

स्टेज - 2

इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए स्कैमर्स लोगों को बरगलाते हैं और मामले को निपटाने के लिए उनके द्वारा पैसों की माँग की जाती है। टारगेट व्यक्ति (victim) को मनोवैज्ञानिक रूप से "डिटिजल अरेस्ट" यानी की वीडियो चैट पर ऑनलाइन रहने के लिए मजबूर किया जाता है जब तक कि स्कैमर्स की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। 

अगर आप भी डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार हुए हैं तो आपके लिए साइबर क्राइम हेल्पडेस्क से मदद लेने का समय आ गया है।


कृपया ये 3 सिम्पल स्टेप्स फॉलो करें।

 📌 1. अपनी शिकायत निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन में या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करें

📌 2. ODFC साइबर हेल्पडेस्क से संपर्क करें: कंप्लेंट PDF फाइल, ट्रांसेक्शन स्टेटमेंट, कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत आदि के साथ विस्तृत जानकारी प्रदान करें।

📌 3. ODFC की साइबर टीम के मार्गदर्शन के आधार पर आप अपने मामले पर हर संभव मदद पाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं जिसमें संबंधित पुलिस विभाग और आपके बैंक आदि से कम्युनिकेट करना शामिल हो सकता है।

FAQ -

क्या ODFC साइबर सेवाओं के लिए मुझे कोई शुल्क देना होगा? हां, ODFC द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए बहुत मामूली subscription शुल्क है। 

 24 घंटे चैट करें📱8779696580

ODFC 🇮🇳 Northern √ WhatsApp 💬 8850585672

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